सोमवार, 29 फ़रवरी 2016

गौमाता को राष्ट्र माता बनाने के लिए लाखो लोग पहुंचे दिल्ली।

गौमाता को राष्ट्र माता बनाने के लिए लाखो लोग पहुंचे दिल्ली।

दिनाँक 28 फरवरी 2016 रविवार पहले तय अनुसार  दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में पूज्य गोपाल मणि जी महाराज एंव देश के पूज्य सन्तों के सानिध्ये में।
जिसमे देश के सभी राज्यो से 3 लाख गौभक्तो ने हिश्सा लिया।

दिल्ली पहुंचे गौ भक्तो अनुसार :-  1966 में धर्म सम्राट करपात्रीजी महाराज के नेतृत्व में गौहत्या बंदी आंदोलन को 2016 में 50 वर्ष पुरे हो रहे हैं।उस आंदोलन में हजारो गौभक्तो ने प्राणों की आहुति दि थी ।उन शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिये गौमाता को राष्ट्र माता के पद पर सुशोभित करवाने हेतु ।
।। महा जन आंदोलन का सफल आयोजन हुआ ।।

     भारत के ऋिषयों ने पूरे देश और दुनिया को एक परिवार या घर के रूप में देखा है। घर बनता ही माँ से है। इस देश में राष्ट्र गीत भी है राष्ट्र गान भी है राष्ट्र पक्षी भी है राष्ट्र पशु भी है राष्ट्रपिता भी हैै। लेकिन हमारे राष्ट्र रूपी घर में राष्ट्र माता नही है
इसलिए गो माता को राष्ट्र माता बनाओ। वेदों में लिखा है
गोस्तु मात्रा न विद्यते
गाय की बराबरी कोई नही कर सकता।  उस गो माता के लिए हमे किसी मंदिर बनाने की जरूरत नही है गो माता के घर पहुंचते ही वह घर मंदिर बन जाता है
गो माता को वो सम्मान दो जो हम भगवान को देते हैं ।

आंदोलन में पहुंचे भारतीय गोक्रांति मंच तमिलनाडु चेन्नई का नेतृत्व कर रहे  गोवत्स राधेश्याम रावोरिया का कहना है की पूज्य सन्तों एंव गौभक्तो ने
भारत सरकार एंव राज्य सरकार से निम्न पांच मांगे रखी।

1. गौ माता को राष्ट्रमाता के पद पर सुशोभित करे एंव गौ मंत्रालयों का अलग से गठन हो।
2. रासायनिक खादो पर प्रतिबंध लगे,गोबर की खाद का उपयोग हो,गोबर गैस का चूल्हा जलाने एंव गोबर गैस को सी.न.जी गैस में परिवर्तन कर मोटर गाड़ी चलाने में उपयोग हो।
3 . 10 वर्ष तक के बालक-बालिकाओ को सरकार की और से भारतीय गाय का दूध नि:शुल्क उपलब्ध हो,किसानो को गाय अनुदान में दी जाये,प्रत्येक गाँव में भारतीय नंदी(सांड)की व्यवस्था हो।
4. जर्सी आदि विदेशी गायों पर पूर्ण प्रतिबंध उसके दूध की विकृति को सार्वजनिक किया जाये,गोचरान  भूमि गौवंश के लिये ही मुक्त हो।
5.गौ-हत्यारों को मृत्यु दण्ड दिया जायें।

28 फरवरी 2016 शाम 6 बजे तक भारत सरकार की और से कोई लिखत में मांग नही मानी गई इसलिए पूज्य गोपाल मणि जी महाराज जी ने गौमाता राष्ट्रमाता के संकल्प की पूर्ति के लिए आज से जंतर मंतर, दिल्ली में अनशन शुरू कर दिया है तथा पुरे प्रदेशों में सभी कार्यकर्ताओं और गौभक्तों को अनशन और धरना प्रदर्शन करने को कहा है...

आखिर गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाना है । पुरे भारत को दिखा दो की गौभक्तो की ताकत कितना कुछ कर सकती है और गोपाल मणि महाराज जी का समर्थन हेतु हर जगह धरना प्रदर्शन और अनशन करें।


आंदोलन में हैदरबाद से बीजेपी विधायक टी. राजा सिंह भी पहुंचे थे उन्होने सार्वजनिक मंच से कहा यदि गौभक्तों की बात को प्रधानमंत्री मोदी जी नहीं सुनते है तो भारत का पहला विधायक रहूँगा जो गौरक्षा के लिए पार्टी से स्थिफा देगा व बाद में अपनी तलवार के दम पर गौरक्षा होगी !



गौमाता राष्ट्रमाता के चरणों में,हमारा कोटी-कोटी वंदन।

बुधवार, 17 फ़रवरी 2016

गाय अनुदान का नहीं, सम्मान का विषय है. गाय की एक ही इच्छा है कि हम लोग उन्हें मां कहें, तो वह सारे वैभव हमें दे सकती है.

भारत की समृद्धि गौवंश की वृद्धि में ही निहित है. सुनियोजित साजिश के तहत अंग्रेजों के शासनकाल में भारतीय नस्ल की गायों को खत्म करने का सिलसिला शुरू किया गया था. इस सिलसिले को अब पूरी तरह से बंद करने और गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए 28 फरवरी 2016 को दिल्ली में 20 लाख लोगों को एकत्र किया जायेगा. 
 
यह जानकारी गौवंश के लिए खुद को समर्पित कर चुके गोपाल मणि जी महाराज ने महानगर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दी. उन्होंने कहा कि हमें पता है कि केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार महत्वपूर्ण विषयों से संबंधित विधेयकों को राज्यसभा में पारित नहीं करवा पा रही है, लेकिन मुझे  पूरा विश्वास है कि राष्ट्रहित के इस मुद्दे पर महामहिम राष्ट्रपति दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुला कर एक ऐतिहासिक भूमिका निभायेंगे.
 
गौकथा वाचक गोपाल मणि महाराज ने कहा कि यह विषय किसी धर्म या संप्रदाय विशेष से जुड़ा नहीं है, बल्कि इससे भारत की अर्थव्यवस्था और भूमि की उर्वरा शक्ति भी जुड़ी हुई है.
 
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय को माता के रूप में स्वीकार किया गया है. गाय को छोड़ कर किसी भी जीव का मल-मूत्र पवित्र नहीं माना गया है. गाय पृथ्वी की अवतार है. यह विश्व की मां है. अंगरेजों ने एक सर्वे के माध्यम से यह जान लिया कि गाय और गंगा को मिटा दिया जाये, तो भारत स्वत: ही मिट जायेगा, इसलिए सबसे पहले उन्होंने गाय का कसाइखाना पहली बार कलकत्ता में ही खोला. अंगरेजों ने समझ लिया था कि जब तक भारत के लोग गाय को पालतू जानवर नहीं समङोंगे, तब तक भारत को पराजित नहीं किया जा सकता. 
 
इसलिए उन्होंने गाय की चरबी को बंदूक की गोली में इस्तेमाल किया. 1857 की क्रांति इसी गोली की वजह से शुरू हुई. महात्मा गांधी ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि स्वराज और गाय में उन्हें चुनना होगा, तो वह गाय को चुनेंगे. गाय ही भारत की आजादी है. गाय अनुदान का नहीं, सम्मान का विषय है. गाय की एक ही इच्छा है कि हम लोग उन्हें मां कहें, तो वह सारे वैभव हमें दे सकती है.
उन्होंने कहा कि अब तक वह भारत के 33 राज्यों में गौ हुंकार रैली व गौ कथा द्वारा सफलतापूर्वक जनजागरण किया है. अब देश की राजधानी दिल्ली में आगामी २८ फ़रवरी २०१६ को रामलीला मैदान में किया जायेगा. 
 
गोपाल मणि महाराज ने केंद्र व राज्य सरकारों के सामने अपनी पांच मांगें रखी हैं. इनमें गौ माता को राष्ट्रमाता के पद पर सुशोभित करने के साथ गौ मंत्रलय की स्थापना करने, गौ अनुसंधान केंद्रों की स्थापना, 10 वर्ष तक के बच्चों को सरकार की ओर से भारतीय गाय का दूध नि:शुल्क उपलब्ध कराना, जर्सी आदि विदेशी गायों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना और गौ हत्यारों के लिए मृत्यु दंड का प्रावधान रखना शामिल है.
 
उन्होंने कहा कि देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए सभी को संस्कार युक्त करना होगा, इसलिए कम से कम 10 वर्ष के बच्चों को गाय का दूध उपलब्ध कराना होगा. तभी बच्चे संस्कारी होंगे. 

बुधवार, 3 फ़रवरी 2016

28 फरवरी 2016 दिल्ली चलो

दिल्ली चलो...दिल्ली चलो
याद रखो 28 फरवरी 2016

50 साल बाद "गौमाता को राष्ट्र माता" के पद पर सुशोभित करने के लिए
📢 जागो और एक होकर अपनी आवाज बुलंद करो 📢

28 फरवरी को रामलीला मैदान दिल्ली जाना है गौमाता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलवाना है मिलकर अपना फर्ज निभाना है और हिन्दू होने के नाते माँ का कर्ज चुकाना है ।।

हम सब कब से चिल्लाते आ रहे हैं..!! " गोमाता को बचाओ,
कत्लखाने बंद करो,
गोमाता को राष्ट्र माता बनाओ....!!"
सिर्फ चिल्लाने से हमारी गोमाता बच जाती होती तो कब का भारत विश्व गुरू बन चुका होता.....??

अगर गोमाता को बचाना है..??
अगर कत्लखाने बंद करवाने हैं..??
अगर गोमाता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाना हैं....

अगर आपको दिल से गोमाता के लिये कुछ करना है...!!

तो उसका एक ही समाधान हैं..!!
बस सोती हुई हिंन्दूवादी मोदी सरकार को जगाना हैं...??

ठान लो एक ही प्रण " गोमाता को बचाना हैं....."
"गोमाता को राष्ट्र माता बनाना है"

आइये हम सब मिलकर हजारो गौ लाडले संतो व लाखों गोभक्तों के साथ 28 फरवरी सुबह 10 बजे रामलीला मैदान अवश्य पहुंचे।
इस निर्णायक लड़ाई में अपना योगदान दे।