बुधवार, 14 अक्तूबर 2015

4 गौ - चिकित्सा

4 गौ - चिकित्सा


................गौ - चिकित्सा................ 

१ - गाय - भैंस डिलिवरी के बाद यदि जेर नहीं डालती तो उसका उपचार इस पद्धति से करें -- 
१- चिरचिटा ( अपामार्ग ) के पत्ते तोड़कर उन्हें रगड़कर बत्ती बनाकर गाय - भैंस के सींग व कानों के बीच में इस बत्ती को फँसा कर ,माथे के ऊपर से लेकर कान व सींगों के बीच से कपड़ा लेते हुए सिर के ऊपर गाँठ बाँध देवें , गाय तीन चार घंटे में ही जेर डाल देगी । 
२- यदि ५-६ घंटे से ज़्यादा हो गये है तो चिरचिटा की जड़ ५०० ग्राम पानी में पकाकर , ५० ग्राम चीनी मिलाकर देने से लाभ होगा । 
३- यदि ८-९ घण्टे हो गये है तो जवाॅखार १० ग्राम , गूगल १० ग्राम , असली ऐलवा १० ग्राम , इन सभी दवाईयों को कूटकर तीन खुराक बना लें ।१-१ घण्टे के अन्तर पर रोटी में रखकर यह खुराक देवें। 
४- यदि गाय को ७२ घण्टे बाद इस प्रकार उपचार करें-- कैमरी की गूलरी ५०० ग्राम , या गूलर की गूलरी ३०० ग्राम , अजवायन १०० ग्राम , खुरासानी अजवायन ५० ग्राम , सज्जी ७० ग्राम , ऐलवा असली ३० ग्राम , इन सभी दवाओं को लेकर कूटकर ५०-५० ग्राम की खुराक बना लें । ५०० ग्राम गाय के दूध से बना मट्ठा ( छाछ ) में एक उबाल देकर दवाईयों को मट्ठे में ही हाथ से मथकर पशु को नाल से दें दें । बाक़ी खुराक सुबह -सायं देते रहे । 

२ - गाय - भैंसों या अन्य पशुओं मे छेरा ( दस्त ) -- दस्त होने पर मोचरस १५० ग्राम , इश्बगोल भूसी ५० ग्राम , कतरन कत्था ५० ग्राम , इन दवाईयों को कूटछानकर २५-२५ ग्राम की खुराक बना लें । एक खुराक को २५ ग्राम शराब व २५० ग्राम गाय के दूध की दही मिलाकर दोनों समय नाल से पिला दें । 

३ - छेरा मरोंडा ( दस्त ) पशु के पेट मे घरड- घरड की आवाज़ आती है -- इश्बगोल बीज २५० ग्राम , इश्बगोल भूसी ५० ग्राम , माई १०० ग्राम , कत्था पपड़ियाँ ५० ग्राम , हरड़ छोटी १०० ग्राम ,इन सब दवाओं को कूटछानकर ५०-५० ग्राम , की खुराक बना लें । एक खुराक ५०० ग्राम पानी में भिगोकर रख दें , प्रात: की भीगी दवाई सायं को देवें और सायं की भीगी दवा प्रात: को देवें , आराम आयेगा । 

४ - गाय - भैंस या अन्य पशुओं को छेरा , मरोड़ा , ख़ूनी छेरा -- ऐसा होने पर १००ग्राम धनियाँ , १००ग्राम मिश्री ( चीनी ) पानी में घोलकर नाल से देवें तथा दो घन्टे बाद फिर एक खुराक देवें तथा आवश्यक होतों तीन घन्टे बाद एक खुराक और देदें । 

५ - ख़ूनी छेरा , दस्त , मरोड़ा -- ऐसी स्थिति में छोटी दूद्धी १०० ग्राम ,खिलायें और दो घन्टे बाद एक खुराक और दें पशु अवश्य ठीक होगा ।यदि पशु को खिला न पाये तो दूद्धी का रस निकालकर एक-एक घन्टे बाद एक नाल से दें । 

६ - बैल ( साण्ड ) व भैंसा या अगली टाँगों में ही वीर्य निकालने ( स्खलित ) लगता है ,झूरने लगता है --ऐसी स्थिति में गेरू १ किलो , गेहूँ का आटा १ किलो, गेरू कूटछानकर आटे में मिलाकर १००-१०० ग्राम , की खुराक बनालें । एक खुराक को एक किलो पानी में भिगोकर रख दें ।तथा प्रात: उठकर नाल से दवा पिला दें ।सभी खुराक प्रतिदिन प्रात: ही देवें । 

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